Wednesday, April 22, 2020

फोन को चोरी होने से कैसे बचाएं tips and tricks 2020

                     फोन को चोरी होने से कैसे बचाएं tips and tricks 2020



 Hello friends,
                           आपका स्वागत है मेरे इस ब्लॉग में, आज मैं आपको एक कमाल के नए एप्स के बारे में बताना चाहूंगा। जो आज के टाइम पर आपके फोन पर रहना बहुत ही जरूरी है। इस एप्स का यूज करके आप अपने फोन को चोरी होने से बचा सकते हैं, और साथ ही इस एप्स का यूज करके आप अपने फोन की बैटरी को खराब होने से बचा सकते हैं।
         जैसा कि हम सभी जानते हैं आजकल की भागदौड़ की जिंदगी में हमारे फोन हमारे लिए कितना हेल्पफुल होती है। भगवान करे आपके साथ ऐसा कभी ना हो, पर किसी कारणवश आपका मोबाइल कभी खो जाता है या फिर चोरी हो जाता है तो आपको बहुत सारी प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ता है, क्योंकि ना तो आपको किसी का फोन नंबर से याद रहते हैं और ना ही कोई प्राइवेट डाटा। शायद आपको यह बात पता होगा कि यदि आपका फोन किसी थर्ड पार्टी के हाथों में आ जाए तो वो आपके फोन के सारे डाटा को एक्सेस कर सकता हूं। जिसमें आपके बैंक डिटेल से लेकर आपके सारे इंफॉर्मेशन उन तक पहुंच जाएगा।
         इन सारी समस्याओं से बचने के लिए आपको इस एप्लीकेशन को अपने फोन पर रखना बहुत ही इंपॉर्टेंट है। चलिए इस लेख में आगे बढ़ते हैं । और जानते हैं उस ऐप्स के पिक्चर्स के बारे में। आगे बढ़ने से पहले मैं एक बात बोलना चाहूंगा यदि आपको मेरा यह लेख पसन्द आए तो please like share and block ko subscribe kar len। जिससे आपको मेरे नए लेख का नोटिफिकेशन सबसे पहले आप तक पहुंचेगी।
                            
 Step.1- सबसे पहले हम अपने फोन कि प्ले स्टोर में जाएंगे फिर वहां सर्च बॉक्स में टाइप करेंगे पॉकेट सेंस। फिर आपके पास वो एप्लीकेशन आ जाएंगे।

Step.2-अब इस एप्लीकेशन को आप अपने फोन पर इंस्टॉल कर लेंगे।

Step.3-एप्लीकेशन को ओपन करने के बाद में आपके पास चार ऑप्शन दिखेंगे।
1-pocket sense mode.
2-charge sense mode.
3.-motion sense mode.
4.-battary full sense mode.
  1. इस मोड को ऑन करने पर, यदि कोई व्यक्ति आपके जेब पर रखे फोन को निकालने की कोशिश करेगा तो आपका फोन में अलार्म  बजना स्टार्ट हो जाएगा और यह अलार्म तब तक बजेगा जब तक आप इसे ऑफ न कर देते।
2.-इस मोड को ऑन करने पर, यदि आपका फोन चार्ज पर लगा है और किसी ने आप के फोन को चार्जर से डिस्कनेक्ट करता है तो अलार्म जोर से बजना स्टार्ट हो जाएगा।
3.-इस मोड़ को ऑन करने पर, यदि आपका फोन कहीं टेबल पर रख कर भूल जाते हैं तो कोई व्यक्ति आपके फोन को छूता है तो अलार्म बजने स्टार्ट हो जाएगा।
4.-इस मोड को ऑन करने पर, कई बार हमारे साथ ऐसा होता है कि हम अपने फोन को चार्ज पर लगाकर निकालना भूल जाते हैं। और ज्यादा चार्ज होने की वजह से हमारे फोन की बैटरी खराब हो जाती है। इस मोड़ को ऑन करने पर हमारा फोन फुल चार्ज होने पर अलार्म बजना स्टार्ट हो जाएगा और यह तब तक बजेगा जब तक कि आप इसे ऑफ न कर देते।

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Wednesday, April 15, 2020

दहेज़ प्रथा एक मानसिक रोग

                         दहेज़ प्रथा एक मानसिक रोग


      दहेज, एक छोटा सा शब्द है, यकीन नही होता, ये शब्द न जाने कितनों का घर तोड़ा होगा। दहेज को सरल शब्दों में कहा जाए तो दहेज, एक तरह की मांग होती है जो विवाह के समय वधु के परिवार द्वारा, वर पक्ष को दिया जाता है। चाहे वो नगद के रूप में हो या वस्तुओं के रूप में। सरकार द्वारा दहेज प्रथा के रोकथाम हेतु बहुत से कानूनी प्रावधान है। परंतु आज भी दहेज प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त किया नहीं जा सका है।आज भी विवाहों में दहेज लेने व देने का रिवाज कायम है। जिसका असर आए दिन घटनाओं के रूप में सामने आ रहे हैं।


      दहेज प्रथा का इतिहास-


      भारत के प्राचीन वेद शास्त्रों के चार वेदों में से प्रथम ऋग्वेद के अनुसार -विवाह के समय, यदि कन्या को  कोई उपहार नहीं दिया जाता था तो कन्यादान अपूर्ण माना जाता था।और यहां तक कि कन्यादान एवं वरदक्षिणा एक दूसरे से जुड़े हुए माने जाते थे। वर दक्षिणा के रूप में कन्या के माता-पिता द्वारा वर को स्वेच्छा पूर्ण उपहार दिया जाता था। तथा बाद में दहेज धनवानों व बड़े व्यापारियों द्वारा संपत्ति के कुछ अंश दहेज के रूप में वर के परिवार वालों को दिया जाता था। पर आज के समय में दहेज एक विशालकाय व्यापार  के रूप में तब्दील हो गया है। जिसकी पूर्ति असीमित है।


       आज भारत में हर साल लाखों की संख्या में दहेज से संबंधित घटनाएं सामने आ रहे हैं। जिसमें हमारी कोई बेटी दहेज प्रताड़ना के चलते खुद को आग के हवाले कर देती है तो कोई बहन, फांसी को अपने गले से लगा कर आत्महत्या की कोशिश करती है। सरकार द्वारा पूरे देश को बदलने की एक रूपरेखा बनाने में जुटी है पर आज यहां हमारी बहन - बेटी को बचाने हेतु कानूनी प्रावधान होने के बावजूद, ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।आज भी एक पिता अपनी बेटी की शादी के लिए उतनी चिन्ता नहीं करता जितना कि दहेज देने की चिन्ता में हर पल डूबा रहता है। आज भारत में हर 100 घरों में से 25 घरों में हमारी बहन बेटी दहेज संबंधी प्रताड़ना का शिकार हो रही हैं। जिसमें कुछ घटनाएं सामने आती है तो बहुत सारी दहेज संबंधी घटनाएं भ्रष्ट नेताओं व उच्च पदाधिकारियों की मिलीभगत द्वारा दबा दी जाती हैं। शायद यही वजह है कि, कुछ दहेज संबंधी घटनाएं थाने में दर्ज नहीं किया जाता। फिर बाद में उसे आपसी समझौता बता कर हमेशा के लिए उस मामले को close कर दिया जाता है।


        किसी ने क्या खूब लिखा है-

                "दहेज कोई  प्रथा नहीं है,बल्कि भीख मांगने का                      सामाजिक तरीका है ..बस फर्क सिर्फ इतना है।                   देने वाले की गर्दन झुकी है, पर                 

                   लेने वालों की अकड़ बढ़ी है"।

                   
       आजकल दहेज लोभियों के भी तरह-तरह के नखरे हैं, उन्हें अपने बेटे के लिए बहू नहीं, पैसे छापने की मशीन चाहिए। जिसे वो लोग जब चाहे तकलीफ पहुंचा कर उनके परिवार जनों से कीमती सामान, नगद राशि व गाड़ियां अपने घरों में खड़ी  कर सकें। और कहीं कहीं तो ऐसे भी मामले सामने आए हैं कि  एक तराजू में एक तरफ सोने चांदी, रुपयों पैसों को रखा जाता है और दूसरी तरफ हमारी बहन बेटी को। मेरी यह बातें आपको कड़वी जरूर लगेगी, पर यह सच है। और कुछ मामले ऐसे भी आए हैं जिसमें वर पक्ष द्वारा अपने बेटे की पढ़ाई से लेकर नौकरी तक के खर्चे का भुगतान कन्या पक्ष द्वारा वसूल लिया जाता है। दहेज प्रथा एक मानसिक रोग है, जो समय के साथ पल पल बढ़ता ही जाता है। 


                    "जितना बड़ा रोग उतना ही बड़ा लोभ"


      दहेज प्रथा में अगर ऐसा होता कि कन्या पक्ष के परिवारों द्वारा, वर पक्ष के परिवारों को दहेज के नाम पर कन्या के अलावा कुछ भी देना नहीं पड़ता,बल्कि दहेज,वर पक्ष द्वारा कन्या पक्ष के परिवारों को मिलता तो सोचिए! कितना अच्छा होता। कम से कम हमारी बहन बेटी को तो प्रताड़ना का शिकार तो नहीं होना पड़ता ???
     -अगर आप सहमत हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में अपना मत दे।

*•*


लेखक के कलम से,
                            आज मैं अपने इस लेख के माध्यम से आपको देश में हो रही दहेज प्रथा जो विलुप्त रूप से आज भी हमारे घर परिवारों में अपने पैर पसारे हुए हैं। उसके खिलाफ अंत करने की मेरी एक कोशिश है। जिससे दहेज प्रथा जैसे सामाजिक बुराई को खत्म किया जा सके। इस लेख के अंत में, मै सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि  अगर आपको मेरी यह लेख पसन्द आयी हो तो इसे इतना शेयर करो कि हमारे देश के सभी बहन बेटी तक दहेज के खिलाफ लड़ने का आत्मविश्वास जाग सके।और अगर आप मेरे इस ब्लॉग में नए हैं तो प्लीज इसे सब्सक्राइब करें, जिससे आपको मेरे नए पोस्ट की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच जाएगी।

                 Thank you.....
   

Friday, April 10, 2020

दुनिया को बचाओ प्लास्टिक हटाओ

                  दुनिया को बचाओ प्लास्टिक हटाओ


          आज हम इस लेख में, प्लास्टिक से हो रहे दुष्प्रभाव के विषय पर आपका ध्यान इंगित करने की एक कोशिश किया है। आज भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी देश प्लास्टिक से होने वाली गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। जिसका निष्पादन किया जाना अति आवश्यक है। जैसा कि आप सभी जानते हैं, प्लास्टिक को पूर्ण रूप से नष्ट किया जाना असंभव है। फिर भी हम इसे यूज़ करने से ज़रा सा भी नहीं हिचकचाते।


         आज प्लास्टिक हमारे दैनिक जीवन में इस तरह मौजूद है कि, हमारी सुबह की शुरुआत हमारे प्लास्टिक से बने toothpaste, toothbrush से होती है। और फिर बाद में नाश्ता भी प्लास्टिक से बने प्लेट से होती है। इतना ही नहीं, ऑफिस जाने के लिए उपयोग में लाई गई बाइक के कुछ कलपुर्जे भी प्लास्टिक के ही बने होते हैं। और फिर ऑफिस में, कंप्यूटर तथा कीबोर्ड भी प्लास्टिक के बने होते हैं। और फिर शाम को जब हम घर वापस आते हैं तो प्लास्टिक के बने बोतल ही यूज करते हैं। घर में रखें सभी सामानों में से ज्यादा सामान प्लास्टिक के बने होते हैं। चाहे वो समान किचन का हो या फिर टीवी का रिमोट।


       प्लास्टिक हमारे लिए बहुत ही खतरनाक है, प्लास्टिक की बोतलों का कंटेनरों E.P.C.(endocrine Disrupting chemicals) पाया जाता है। जिससे न्यूरोलॉजिकल बिहेवियर disorder जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है, साथ ही इसके कैंसर, डायबिटीज, न्यूरोलॉजिकल थायराइड, birth defect, मेल इनफर्टिलिटी इत्यादि बीमारियां हो सकती है। Newyork N.Y.U Langone medical centre ने दावा किया है कि plastic से आर्टिजम male infertility तथा मानव की intelligence quotient (IQ) पर असर करता है, जिससे मानव में सोचने की क्षमता कमजोर हो जाते हैं। तथा इंसानों के हारमोंस को प्रभावित करते हैं जिससे ब्रस्ट कैंसर का खतरा बनता है। साथ ही इसके गंभीर प्रभाव गर्भवती मां से शिशु को दूध के जरिए होने की संभावनाएं बनी रहती है।



             कई बार हम देखते हैं, ठेलो में चाय प्लास्टिक के कपो में ही दिया जाता है। गर्म चाय जब प्लास्टिक के कप में पड़ती है तो वह कप धीरे-धीरे पिघलने लगती है। इसका फल यह होता है कि कप के रसायन तत्व चाय में घुल जाते हैं। और यह इंसान के बॉडी में पहुंचती है, फल स्वरूप एक गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है। इसके साथ ही जो हम कोल्ड ड्रिंक पीते हैं, हमारे पास  डायरेक्ट रूप से आती नहीं है, हमारे पास पहुंचने से पहले ट्रकों व अन्य वाहनों द्वारा कड़ी धूप, से होते हुए दुकानों पर पहुंचती है और दुकानों से हम तक। प्लास्टिक के प्रभाव से हमारे बच्चे भी सुरक्षित नहीं है। बच्चों के लिए बनने वाले खिलौने प्लास्टिक की रीसाइक्लिंग द्वारा बनी होती है, कभी-कभी बच्चे खिलौनों को अपने मुंह से काटते व खेलते रहते हैं। जिससे बच्चो में बीमारियों का संचार होता है।


       प्लास्टिक के एक बार उपयोग में लाने के बाद उसे कचरों के रूप में जगह जगह फेंक दिया जाता है। जिससे वह भूमि  तथा जल में पहुंचकर नदियों को दूषित करते हुए समुंद में  पहुंच जाती है। जिसका असर यह होता है कि मछलियां इसको भोजन समझ खा लेते हैं, फिर बाद में मछलियों को इंसान। 1950 से अब तक लगभग 1000 करोड़ टन प्लास्टिक का खपत हो चुका है। हर साल लगभग 14.5 टन। अगर इसी रेशों से 2050 तक प्लास्टिकों का उत्पादन किया जाएगा तो समुद्र में मछलियां कम, प्लास्टिक के ज्यादा मिलेंगे।एक सर्वे में पता चला है कि समुंदर में कचरों का एक बड़ा ठिकाना प्रशांत महासागर के The great Pacific garbage patch है।


         तमिलनाडु के मदुरै में प्रोफ़सर rajagopalam vasudevan ने waste प्लास्टिक का रोड बनाकर एक नया इतिहास कायम किया। जिन्हें "plastic man" की उपाधि से नवाजा गया। हैदराबाद में एक इंजीनियर ने waste प्लास्टिक से पेट्रोल बनाने का एक नया अनोखा तरीका निकाला।कुछ देशों में waste प्लास्टिक से बिजलियां उत्पन्न की जा रही है। इसी तरह waste प्लास्टिक का उपयोग हर राज्य में हो तो कुछ हद तक प्लास्टिक से छुटकारा मिल सकता है।


लेखक की कलम से,

                              आज मैं अपने इस लेख के माध्यम से प्लास्टिकों के यूज को कम करने की एक पहल की है। जिससे इस गंभीर समस्या से निपटा जा सके। साथ ही साथ, सरकार द्वारा हर राज्य में प्लास्टिक निदान संबंधी सेंटर खोला जाए। लेख के अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि अगर आपको मेरा यह लेख प से सहमत हो तो प्लीज इसको शेयर कीजिए ताकि मेरा यह लेख सरकार तक पहुंच सकें। जिससे हर राज्य में प्लास्टिक निदान सेंटर खुल सके। अगर आप मेरे ब्लॉग में नए हैं तो इसे subscribe करें ताकि आपको मेरे नए पोस्ट की नोटिफिकेशन आप तक पहुंच सकें।



                      Thank you........
           


Thursday, April 9, 2020

Corona (covid-19) एक महामारी

                       Corona virus (covid-19) एक महामारी



           आज हम इस लेख में विश्व में काफी तेजी गति से बढ़ रहे, कोरोना वायरस विषय पर चर्चा करेंगे। सबसे पहले हम कोरोनावायरस के शुरुआती दौर last December 2019 चाइना के वुहान शहर में पहला केस सामने आया। जिस में निमोनिया के लक्षण पाए गए थे। पर डॉक्टरों ने निमोनिया होने का सही कारण पता करने की कोशिश में असमर्थ थे। क्यों कि ये नए तरह की वायरस थे, जो कभी देखा नहीं गया था। कुछ दिनों बाद जनवरी 2020 तक यह वायरस काफी तेजी से पूरे चाइना में फैल गई थी, हर दिन ऐसे ही नए  केस सामने आ रहे थे। जिसे देख कर चाइना की सरकार ने उन मरीजों को अलग से रखने (isolation) का प्रबंध किया जिससे इस तरह के नए वायरस से बाकी लोग प्रभावित ना हो सकें। W H O (world health organisation) ने कोरोना वायरस का शॉर्ट फॉर्म covid-19 का नाम दिया गया। जिसका full form- Corona virus disease 2019.



             W.H.O. के अनुसार, कोरोनावायरस जन्म चीन के वुहान शहर के wet slaughter market से हुआ। क्यों कि वहां सभी प्रकार के जानवरो का मांस की खरीदी बिक्री किया जाता है। और यह वायरस चमगादड़ों से pangolin मैं और पंगोलिन से इंसान को होनी प्रारंभ हुई। इस वायरस में एक नए तरह के वायरस को देखा गया,जो कभी देखा नहीं गया था।जो इंसान के इम्यूनिटी सिस्टम से लड़ने की क्षमता को घटा देता है। जिससे बॉडी में रेड ब्लड सेल एंड व्हाइट ब्लड सेल के निर्माण नहीं हो पाता है। जिससे बॉडी में रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। रिसर्चों ने इस वायरस को novel corona virus का नाम दिया गया।


        विश्व में कोरोनावायरस तेज गति से फैलने का एक प्रमुख कारण चाइना में new year सेलिब्रेशन का होना है। सभी को पता है, चाइना में न्यू ईयर सेलिब्रेशन बहुत ही स्पेशल तौर पर मनाया जाता है, जिसे मनाने विश्व भर से लोग वहां पहुंचते हैं। जिससे उनमें भी इस वायरस का लक्षण पाया गया। और वे अपने साथ अपने देश में भी इस वायरस को ले आए। जिससे यह वायरस बहुत ही तेजी से बढ़ती चली गई और आज भी बढ़ती चली जा रही है। जिसका जल्द से जल्द रोकथाम करना जरूरी है। अभी तक इस वायरस की वैक्सीन बनी नहीं है। विश्व भर के सभी साइंटिस्ट इस वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई है। जब तक इस वायरस की वैक्सीन बन नहीं जाती तब तक हमें सावधानी बरतनी होगी।w.h.o. ने इस वायरस को pandemic(सर्वव्यापी महामारी) घोषित कर दिया।



   Corona virus से बचने के लिए कुछ उपयोगी बातें-


 1.-भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें।
 2.-मास्क पहने।
 3.-social distance.
 4.-सैनिटाइजर का यूज़ करें।
 5.-साफ सफाई पर ध्यान दें।
 6.-यात्रा करने से बचें।
 7.-किसी दूसरे व्यक्ति का समान यूज न करें।
 8.-आंख नाक और मुंह को छूने से बचें।



         भारत में कोरोनावायरस से बचने के लिए भारत सरकार द्वारा पूरे भारत में लॉकडाउन का अभियान चलाया गया। पर यहां के लोग लापरवाही की हदें पार किए जा रहे हैं, हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने सभी देशवासियों को अपने घरों में 21 दिनों तक रहने की हिदायत दी है। इसके बावजूद लोग अपने घरों से बिना कारणवश बाहर निकल रहे हैं। मैं उन लोगों से साफ लफ्जो में यह कहना चाहूंगा कि तुम लोग अपने साथ अपने सगे संबंधियों व परिवार जनों तक इस वायरस को पहुंचाने का काम कर रहे हो। जब सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा किया है तो तुम लोगों को समझना चाहिए कि यह वायरस कितना खतरनाक है।और जो इंसान ये सोचता है कि उसे यह वायरस नहीं हो सकता तो उन्हें जानकारी के लिए बता दूं , इस वायरस का वैक्सीन अभी तक कोई भी देश बना नहीं सकी है।



लेखक की कलम से,

                             Novel corona virus विषय के इस लेख का मुख्य उद्देश्य अपनी बात उन लोगों तक पहुंचाने की एक कोशिश किया है जो लॉक डाउन का पालन नहीं कर रहे हैं। w.h.o. के real time रिपोर्ट की link इस लेख के नीचे दे रहा हूं , जो दिसंबर से लेकर आज तक की हर दिन की रिपोर्ट उपलब्ध है, जिसे  आप हर  real Time data देख सकते हैं। करोना वायरस की वजह से सारी दुनिया की अर्थव्यवस्था ठप हो चुकी है। सभी देशों की सरहदें को लॉक कर दिया गया है, visa कैंसिल कर दिया गया है। लेख के अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि आप अपने घरों में रहिए, घरों में रखकर नए नए skiil सीखिए। अगर आप मेरे इस blog में नए हैं तो प्लीज इसे like, comments,share करें,और subscribe करना ना भूले, जिससे आपको मेरे नए लेख का notification मिल जाएगा।


                           


                                    Thank you......

Wednesday, April 8, 2020

Banking system दिया कितना और हमसे लिया कितना ???

                          बैंकों का मायाजाल नीति
                 दिया कितना और हमसे लिया कितना
                 

         आज हम इस लेख में बैंकों में हो रहे अनछुए मायाजाल की नीति की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने की एक पहल की है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारा पैसा बैंकों में रखने से सुरक्षित रहता है, तथा बैंकों में पैसे रखने से हमें बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। पर आज बैंकों द्वारा हमारे ही पैसों से बहुत बड़ा खेल खेला जा रहा है।हाल ही में आपको पता है यस बैंक डूबने की कगार में  है । जनता का पैसा उन तक नहीं पहुंच पा रहा है। कुछ ना कुछ कारण बताकर हमारा पैसा दिन ब दिन account से कम होता जा रहा है।


        इस लेख में हम इन्हीं सभी कारणों को जानने की कोशिश करेंगे। सबसे पहले हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि बैंक चलती कैसे है। जब कोई बैंक खुलती है तो उस बैंकों द्वारा लोगों से खाता खुलवाया जाता है।और उसके बदले बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी होती है।लोगो द्वारा बैंकों में पैसे को जमा कराने पर उन्हें 2% ब्याज के रूप में मिलेगा। सभी बैंकों की अपनी-अपनी फैसिलिटी होती है कोई कम ब्याज देता है तो कोई ज्यादा। बैंकों के खर्चे बहुत ज्यादा होते हैं  जैसे-ATM मशीन , डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड पासबुक चेक बुक इत्यादि... जितना बड़ा बैंक उतना ही ज्यादा खर्चा। इन सब खर्च की पूर्ति बैंक कहां से करती है, इसके बारे में हम गहराई से जानने की कोशिश करेंगे।


          बैंकों द्वारा खाताधारकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के फलस्वरूप उनसे कुछ चार्जेस वसूलते हैं।
1.A.T.M मेंटेनेंस चार्जेस।
2. S.m.s. चार्जेस।
3. एक बैंक के एटीएम द्वारा दूसरे एटीएम का यूज करने का चार्ज।
   Etc......



          बैंकों द्वारा व्यापारियों और लोगों को 12% से 14% ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। सभी बैंकों की अपनी अपनी पॉलिसी होती है, उसी के आधार पर उनको लोन दिया जाता है। यहां सोचने वाली बात है- अगर आप बैंक से लोन ले तो आपको ब्याज  के रूप में 12 परसेंट से लेकर 14 परसेंट तक वापस करना पड़ेगा। इसके साथ ही  कुछ Hidden शुल्क का भी भुगतान किया जाता है प्रोसेसिंग फीस के रूप में जो हर किसी को पता नहीं होता है।अब आप सोचिए बैंक हमें अपने ही जमा किये पैसे के लिए सिर्फ 2% ब्याज देती है। यह सभी बातें जानकर आप चौक गए होंगे। पर यह एक कड़वा सच है।



           बैंकों में विभिन्न प्रकार खाता खोले जाते हैं-जिसमें एक खाता फिक्स डिपॉजिट (F.D) का होता है। इसमें जरा गोर कीजिएगा,इस खाते में हम लॉन्ग टर्म के लिए investment कर देते हैं। जिसका समय 5 साल 10 साल 15 साल और 20 सालों के लिए होता है। अगर इस अवधि के अंतराल यदि आप बैंक से उस पैसे को निकालने की कोशिश करेंगे तो आपको जितना ब्याज मिलना चाहिए उतना तो नहीं मिलेगा पर जितना ब्याज मिल रहा है उसमें से भी ये टैक्स वो टैक्स कट पिट कर जो बचेगा वही आपको मिलेगा। अब हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि हमारे F.D. का पैसा लॉन्ग टर्म के बाद ब्याज के रूप में हमें कैसे मिलता है। बैंकों द्वारा खाताधारकों की कुछ पैसे लोन के रूप में बाट देता है और बाकी के बचे कुछ पैसे शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म प्लान के रूप में investment कर देते हैं। क्यों कि बैंकों को पता है आप उनसे 5 से 10 साल तक वापस लेने नहीं आओगे। अगर भविष्य में ऐसा कभी हो भी तो किसी और के खाता धारकों के पैसे आपको दे देगा। शेयर बाजार में आपको भी पता होगा, मार्केट में किसका शेयर तेजी से बढ़ रहा है और किसका घट रहा है।जिस बैंक का शेयर बढ़ा उसका पैसा एक दिन में दो गुना 10 गुना।अगर किसी बैंक का शेयर गिरा उसकी लॉस।यस बैंक का ही उदाहरण ले लें। यस बैंक आज डूबने के कगार पे हैं, यस बैंक के खाताधारकों में हलचल का माहौल है। सभी इन्वेस्टरों का पैसा उस बैंक में फसा हुआ है।



     
लेखक की कलम से,

              आज मैंने इस लेख के माध्यम से आपको बैंकों में हो रहे मायाजाल की अनोखे नीति से आपको अवगत कराया।अगर हम बैंकों से ऋण लेना चाहेंगे तो हमें आसानी से नहीं मिलेगा। पर विजय माल्या जैसे लोगो को चुटकियों में लोन  मिल जाता है।और बैंक का सारा पैसा लेकर वो लोग चंपत हो जाते हैं। उसका भरपाई बैंक हम लोगो से करती है, नये नए चार्जेज के द्वारा।अगर आपको मेरा यह लेख पसंद आया हो तो प्लीज इसको शेयर कीजिए लाइक कीजिए और अगर आप इस ब्लॉग में नए हैं तो इसे सब्सक्राइब करना न भूलें। जिससे आपको मेरे नए लेख की notification आपको मिल सके। और साथ ही इस लेख के विषय में यदि आपकी कोई राय हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में अपना सुझाव दें।

                                           Writer by....
                                                                -sumit Jain

           
                Thank you.....
       

                 

   
     
   
       
         

Sunday, February 16, 2020

पैसा real में किसके पास गया

                पैसा real में किसके पास गया


Hello friends,

                          आजकल की टेक्नोलॉजी की दुनिया काफी रफ्तार से आगे बढ़ रही है। और इसके साथ ही साथ साइबर क्राइम की घटना भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अगर हम एक्टिव नहीं होंगे तो हमारे साथ भी आज नहीं तो कल ऐसी घटना हो सकती है। इसके लिए हमें हमेशा सक्रिय रहना पड़ेगा। आज मैं अपने इस लेख के जरिए, देश में तीव्र गति से बढ़ रहे साइबर क्राइम के प्रति अपने कुछ विचार आप लोगों के साथ व्यक्त करने का कोशिश किया है। शोध के मुताबिक साइबर अपराध में लिप्त लोग 15 से 35 वर्ष तक की आयु के होते हैं। इन्हें कम समय में अधिक पैसा कमाने की लालसा रहती है, जिसके वजह से इन्हें गलत - सही का फर्क नजर नहीं आता।उनका सिर्फ एक ही मकसद होता है अधिक से अधिक पैसे कमाना.???


             भारत में साइबर क्राइम की घटना अक्सर उन लोगों के साथ होता है, जिनको आधुनिक टेक्नोलॉजी का ज्ञान नहीं रहता, और कई बार ऐसा भी होता है कि जिनको इसके बारे में ज्ञान रहता है वह लोग भी इनके बातों के झांसे में आ जाते हैं। और अपनी मेहनत से कमाए हुए पैसों से हाथ धो बैठते हैं। आज पत्थर तोड़ने वाले बैंकों के लॉक तोड़ रहे हैं??? कुछ दिनों पहले एक घटना घटी, जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई। इन मौत के पीछे का रीजन हम इस लेख के जरिए जाने का प्रयास करेंगे......



             आज सुनील बड़ा ही खुश था, क्योंकि आज उनकी बेटी का एक अच्छे परिवार में विवाह तय हो गया था। और सुनील ने अपना मन बना लिया था, बेटी के शादी बड़े धूमधाम से कराएगा,और सभी के  मेहमान नवाजी में किसी चीज की कमी नहीं करेगा। अब सुनील व सपरिवार विवाह की तैयारियों के लिए  सभी समान के बंदोबस्त करने में सभी जुट गए। फिर कुछ दिनों बाद विवाह के लिए पैसों की कमी के कारण सुनील ने अपने फ्रेंड व रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर उस पैसे को बैंक में डिपॉजिट कर दिया। विवाह की तारीख नजदीक आ रही थी। कुछ दिनों बाद, हुआ कुछ ऐसा कि विवाह की खुशी का माहौल, गम के साए में तब्दील हो गया। कुछ घंटों पहले, सुनील के मोबाइल पर एक लड़के का फोन आया, और वह खुद को बैंक का अधिकारी  बता रहा था।


लड़का-सर मैं आपके ........ बैंक से बोल रहा हूं, आपका अकाउंट बंद होने जा रहा है! कृपया अपना account को वेरीफाई  करवा लीजिए। आपका अकाउंट वेरीफाई करने के लिए अपने एटीएम कार्ड के 16 डिजिट नंबर बताइए।
सुनील यह सब सुनकर घबरा गया,और वह बोला -सर मेरा एटीएम कार्ड के नंबर बताने भर से मेरा अकाउंट वेरीफाई हो जाएगा ना??
लड़के ने सुनील को अपने बातों की जाल में फंसते हुए बोला - हां सर बिलकुल, एक बार आपका अकाउंट वेरीफाई हो जाने के बाद आप को बैंक से मिलने वाली सुविधा फोन पर मैसेज द्वारा दिया जाएगा। आपको बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।


           सुनील ने अपने एटीएम कार्ड के 16 डिजिट नंबर उस लड़के को बता दिया। उस लड़के ने फिर सुनील से कहा-सर अब आप एटीएम कार्ड के दाई ओर लिखे गए एक्सपेरी डेट बताए,सुनील ने उस लड़के को सारी detial बता दी।इसके बाद उस लड़के ने फिर बोला - सर वेरीफाई के लिए आपके नंबर पर एक ओटीपी गया होगा उसको बताए।सुनील ने उसको आया हुआ ओटीपी बता दिया। जैसे ही सुनील ने उसको आया हुआ ओटीपी बताया वैसे ही उस लड़के का फोन कट जाता है। उसके बाद सुनील के मोबाइल में बैंक द्वारा निकासी का पैसा s.m.s. द्वारा लगातार आता गया। सुनील को ये समझ में नहीं आ रहा था वह अब क्या करें??? सुनील के अकाउंट में विवाह के लिए जमा हुआ सारा  पैसा₹500000 एक बार में ही निकल गया। उसके बाद वह तेजी से बैंकों की ओर भागने लगा। वहां जाकर उसको यह पता चला कि वो ठगी का शिकार हो गया। और बैंक वाली उसे थाने में रिपोर्ट कराने की सलाह दी।


             थाने में रिपोर्ट लिखाने के बाद वह भारी मन से घर की ओर लौटने लगा, और वह चलते चलते यह सोचने लगा कि - मैंने किसी का क्या बिगाड़ा है, जो मेरे साथ ऐसा कुछ हो रहा है। पैसे के बिना मैं अपने बेटी का विवाह कैसे करा पाऊंगा??? बेटी के विवाह का जो मैंने देखे थे सपने, वो एक ही पल में टूट गया।और सभी से मैंने विवाह के लिए जो उधार लिए हैं पैसे,उसको मै कैसे लौट आ पाऊंगा??? ये सारी बातें सुनील के मन में चारों तरफ़ घूम रही थी।
       घर पहुंचकर सुनील ने परिवार वालों से घटित हुई घटना कह डाली। यह सब बातें सुनकर सभी बहुत दुखित हुए।दूसरे दिन लड़के पक्ष वालों को जब इसकी जानकारी पड़ी उनके पास अब कोई पैसे नहीं हैं,अब वो लोग हमें दहेज क्या देंगे ?? यह सोचकर  वो लोग विवाह का रिश्ता तोड़ दिए। ये सब बातें सुनील व उसके घरवालों को जब पता चली तो वो लोग खुद को संभाल नहीं पाए और उस रात खाने में ज़हर मिला कर सभी ने खुदकुशी कर ली.......।


          भारत में ऐसी घटना रोज़ घट रही है, हर दिन साइबर क्राइम,हर दिन एक परिवार ठगी का शिकार हो रहा है। इससे बचना है तो हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए।और साथ ही साइबर क्राइम की जानकारी अपने व सभी लोगों तक पहुंचाने की कोशिश करें। जिससे उनको ठगी का शिकार होने से बचाया जा सके।

      मन में ऐसे बहुत से सवाल है जिनका कोई जवाब नहीं है-

1.- उनके पास हमारा सारा detial कैसे पहुंच जाता है??
2.- हमारा phone number, हमारा नाम और हमारा कौन से बैंक में खाता है, ये सभी डिटेल???
3.- जब एटीएम से 1 दिन में लिमिट 40,000 से ज्यादा अमाउंट निकलता नहीं है तो फिर वो लोग हमारे accuont में जितना पैसे हैं, उसे एक पल ही पूरा पैसे कैसे निकाल लेते हैं ?????
   
         साइबर अपराध की घटनाएं आए दिन लगातार घट रही हैं, जो देश के उन्नति में एक बड़ी चिंताजनक समस्या है। जिन पर रोक लगाना बेहद जरूरी हो गया है। साइबर अपराध में एक व्यक्ति को पकड़ा गया और उससे पूछा गया तुम एटीएम फ्रॉड कैसे करते हो??? तब उसने जो बताया वह सभी को हैरान कर देने वाली बात पता चली। सभी की बैंक डिटेल उनको कौड़ियों के भाव में मिलती है,1000 लोगो की information only 50 rupees. जब उससे पूछा गया कि ठगी का पैसा तुम्हारे पास आता कैसे हैं तो उसने आगे बताया- अगर कस्टमर के अकाउंट में ₹100000 रूपए है तो सब पैसा एक बार में निकाल कर 50 भागों में डिवाइड करके 50 लोगों के अकाउंट में छोटे छोटे अमाउंट डिपॉजिट कर दिया जाता है, जिससे न तो बैंक को और न ही पुलिस को ये पता चल पाता है कि कस्टमर का पैसा real मैं किसके पास गया???
फिर हम 50 लोगों के नए खोले गए account के एटीएम द्वारा पैसे हमारे तक पहुंच जाती है।

लेखक की कलम से,

                             इस लेख के माध्यम से मैं साइबर क्राइम से होने वाले गंभीर मामलों को आप लोगों तक पहुंचाने की एक पहल की है,जिससे आप लोग सभी ठगी का शिकार होने से बच सकें। अगर आपको मेरा लेख पसंद आया हो तो इसे इतना शेयर कीजिए ताकि आपके परिवार frnds व  सगेसंबंधी इनके झांसे में ना आए।और अपने मेहनत से कमाए हुए पैसे गवा न बैठें। अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि  इस लेख में अगर आपकी कोई राय हो तो plz  मुझे कमेंट बॉक्स में अपना विचार व्यक्त करें। और अगर आप मेरे ब्लॉग में नए हैं तो मेरे ब्लॉग को subscribe करें,जिससे आपको मेरे नए पोस्ट की नोटिफिकेशन आपको मिल जाएगी।

      Thank you......
       



        

Friday, February 14, 2020

किसान ऋण का मायाजाल

                           किसान ऋण का मायाजाल



Hello friends,
     

                      "जय जवान - जय  किसान" लाल बहादुर शास्त्री जी का यह प्रसिद्ध नारा, शायद आपको याद होगा पर यह नारा आज किसानों के बीच से ओझल होने की कगार पर है। आज की समय में "जय किसान " की जगह "हाय किसान " ने अपनी जगह ले ली है। क्योंकि आज सभी किसान ऋण के मायाजाल में फंसते जा रहे हैं, भारत में आज ऐसा कोई भी किसान नहीं हैं,जो कर्ज़ तले दबा न हो ? मैं अपने इस लेख में किसानों की दयनीय  मनोदशा व उनकी सामाजिक तथा आर्थिक स्थितियों का विश्लेषण करते हुए अपने विचार आप लोगों के समक्ष पेश कर रहा हूं। आशा करता हूं कि आपको मेरा यह लेख भी पहले की लेख की तरह ही पसन्द आयेगा।


       

                  जैसा कि हम सभी जानते हैं भारत एक कृषि प्रधान देश है, और यहां की अधिकांशत: 70% लोग कृषि पर ही निर्भर रहते हैं। परंतु आज किसान कृषि को छोड़कर मजदूरी की तलाश में शहरों की ओर अग्रसर हो रहे हैं। जिस रेशियो में जनसंख्या की आबादी दिनों दिन बढ़ती जा रही है इसके साथ ही महंगाई की दर भी उसी रेशियो से बढ़ती जा रही है । भूमि सीमित है, और अनाज की पूर्ति असीमित । कृषि को छोड़ने का किसानों के पास ऐसे बहुत से कारण है जिसे हम इस लेख में किसानों की छुपी कुछ समस्याओं का उल्लेख करेंगे, और इसके साथ ही उनकी समस्याओं के समाधान के निराकर करने हेतु अपने विचार व्यक्त  करेंगे ।

             आज के समय में किसानों की स्थिति बहुत ही दयनीय है, जो किसान कड़ी धूप में मेहनत कर पूरे भारत की जनसंख्या को खाने योग्य अनाज उपलब्ध कराता है, आज वही किसान अनाज के दाने-दाने के मोहताज हो जा रहे हैं। अगर भविष्य में ऐसे ही स्थिति रही तो, किसान खेती करना छोड़ देगा और वह मजदूरी की तलाश में शहरों की ओर पलायन करेगा।


            रामू आज बड़ा खुश था,क्योंकि उसे आज किसान क्रेडिट कार्ड (K.C.C.) के जरिए आज उसे लोन मिलना था। वह मन ही मन यह सोच रहा था कि, लोन के अमांउट मिलने के बाद, वह कृषि कार्य में और भी ज्यादा मेहनत करेगा ।और साथ ही साथ वह अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए महंगे से महंगे स्कूलों  में उनका दाखिला कराएगा। यह सभी बातें सोचकर वह बैंक पहुंचा। और  वह बैंक के मैनेजर से लोन के विषय में उनसे बात की। बैंक मैनेजर ने रामू को यह बताते हुए बोला कि-रामू भाई ! आपका लोन तो आपको मिल जाएगा परंतु मेरे को आप क्या दोगे आपका यह काम कर दूंगा तो ??? यह बात सुनकर रामू ने बोला-साहब मोय गरीब आदमी हो। मोए तोके का दे सको ??? फिर बैंक मैनेजर ने रामू को अपनी बातों के जाल में फंसते हुए बोला-जो तेरा लोन का पैसा 25000 आया है उसमें से मुझे हजार रूपए दोगे। तभी मैं तेरे को लोन दूंगा। वरना तुम्हें कभी भी लोन नहीं मिलेगा।



           कुछ देर सोचने के बाद रामू  ने उसे पैसा देने के लिए राजी हो गया। फिर रामू ने अपने लोन के अमाउंट -24000/ 🏦 बैंक से लिए और फिर  घर की ओर वापिस चल पड़ा। इस साल रामू ने खेती के लिए जी जान से लगातार मेहनत किया।खेती करने के कुछ दिनों बाद रामू बारिश ना होने के कारण चिंतित रहने लगा। और वह सोचने लगा कि, इस बार अगर बारिश समय पर ना हुई तो मेरी सारी फसल बर्बाद हो जाएगी। 2 दिन के बाद बारिश होना शुरू हुई,बारिश को देखकर सभी किसानों में खुशी का ठिकाना ना रहा। पर ये खुशी बस कुछ दिन की थी। दो हफ्तों की लगातार बारिश होने के कारण किसानों के सभी फसल बर्बाद हो गए। सभी किसान दिल में दर्द लिए खामोशी की आगोश में समा गए।उनके मन में बहुत ज्यादा प्रश्न उठ रहे थे, जिनका उनके पास कोई जवाब नहीं था -



1. अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करेगा ?
2. बच्चों की स्कूल 🏫 फीस कैसे भरेगा ?
3. बैंक से लिए लोन से वो कैसे छूटेगा ?
4. अपने निजी जरूरतों की पूर्ति कैसे करेगा ?
5. अब उनकी सहायता कौन करेगा ?

          अब किसानों के पास सिर्फ दो ही रास्ते हैं, एक वो लोग सेठ साहूकार से फिर से कर्ज ले या नाममात्र की मजदूरी करें। नाम मात्र की मजदूरी से तात्पर्य उस मजदूरी से है जिसमें उनकी वास्तविक मजदूरी में से महंगाई की दर को घटा दिया जाए तो उनकी नाम मात्र की मजदूरी निकल जाएगी।


       वास्तविक मजदूरी - महंगाई की दर=नाममात्र की मजदूरी




         
          5 साल बाद नई सरकार के आने, पर सरकार द्वारा किसानों का ऋण माफ करने का ऐलान किया जाता है। यह बात सुनकर सभी भोले-भाले किसानों में खुशी की लहर दौड़ जाती है। जब ये बात रामू के कान तक पहुंची तो वह खुशी से झूम उठा। और वह दूसरे दिन बैंक की ओर चल पड़ा, वहां जाकर उसे पता चला कि सरकार ने किसानों का सिर्फ ऋण तो माफ कर दिया है पर उस ऋण पर लगने वाला ब्याज की दर को माफ़ नही किए हैं।रामू के लिए हुए ऋण पर लगने वाला ब्याज की दर ₹12530/ पहुंच गई थी। और यह ब्याज की दर दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। यह सब जानकर रामू दुखी मन से घर की ओर लौटने लगा। और वह सोचने लगा, उसने जो सेठ साहूकार से लिया था पैसा, उसे वह चुकाएगा कैसे ?? और बैंकों के कर्ज पर लगने वाला ब्याज की दर को देगा कैसे?? सभी किसान एक कर्ज को चुकाने के लिए दूसरा कर्ज लेते हैं जिसका फल, यह होता है कि सभी किसान कर्ज के माया जाल में फंसते जाते हैं । और उनके जमीन, जायदाद व घर को सेठ साहूकार- महाजन द्वारा हड़प लिया जाता है, अब किसानों के पास आत्महत्या करने के अलावा  और कुछ बचा ही नहीं है ???



                   सरकार को ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जिससे हमारे किसानों को फायदा हो सके। हमारे भोले भाले किसानों से ₹5 की सब्जी लेकर  बाजार तक पहुंचते-पहुंचते उस सब्जी की रेट ₹50 हो जाती है। जिस वजह से किसानों को बाजार का सही मूल्य नहीं मिल पाता है।किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उनके समाधान हेतु कुछ सुझाव-

1. किसानों को उनकी फसल का बाजार मूल्य देना।
2. खेती हेतु उन्नत बीज की उपलब्धता।
3. आधुनिक तकनीकी जैसे ट्रैक्टर, थ्रेसर, मोटर पंप इत्यादि साधन की उपलब्धता।
4. कम ब्याज दर पर ऋण देना।
5. खेती कार्यों के नए विषय में किसानों को अवगत कराना।
6. किसानों को खेती कार्य हेतु प्रोत्साहित करना।
7. किसानों के अनाज का भुगतान डायरेक्ट उनके खाते में करना।
8. किसानों को बाजारों तक सुविधाजनक वाहन  मुहिया कराना।
9. किसानों के लिए अनाज रखने हेतु गोदामों का निर्माण कराना।
10. किसानों की हित की रक्षा हेतु उनको संरक्षण प्रदान करना।



लेखक की कलम से,


                             किसान हमारे देश की शान हैं, किसानों के कठोर परिश्रम द्वारा ही हमारे थाली तक अनाज पहुंच पाता है। अनाज के थोड़े से हिस्से कमाने के लिए वो इतना मेहनत करता है कि वह अपना दुख - दर्द  बयां नहीं कर पाता है। किसान अपने एक ऋण के छुटकारा के लिए दूसरा ऋण ले लेता है। इससे वह ऋण के माया जाल में फंसते हुए चले जाता है। इस लेख के जरिए आज मैं हमारे देश के सभी किसानों की समस्याओं को उजागर करने की एक कोशिश की है। अगर इस विषय में आपकी कोई राय हो तो मुझे कमेंट बॉक्स में बताए। और लास्ट में मै सिर्फ  इतना ही कहना चाहूंगा, अगर आपको मेरा लेख पसंद आया हो तो प्लीज सब्सक्राइब एंड शेयर कीजिए जिससे आपको मेरे नए लेख की नोटिफिकेशन आपको मिल जाएगी।

Thank you

                           



       

         
            
                  

Wednesday, February 12, 2020

आज की शिक्षा, शिक्षा ना होकर बन गया व्यापार

  आज की शिक्षा, शिक्षा ना होकर बन गया व्यापार




हेलो फ्रेंड्स,


                कैसे हैं आप लोग सभी,आशा करता हूं कि आप
सभी अच्छे होंगे। आज मैं फिर से एक नए विषय पर अपने विचार
आप लोगों के साथ व्यक्त करने का प्रयास इस लेख में किया है।
आज मैं इस लेख में आजकल की शिक्षा प्रणाली पर ख़ास फोकस
किया है। जैसा कि हम सभी जानते हैं,आज की शिक्षा प्रणाली कैसी
हैं??
पहली की शिक्षा व्यवस्था और अभी की शिक्षा प्रणाली में जमीन - आसमान का फर्क है। पहले की शिक्षा
व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य-बच्चों में बौद्धिक तथा मानसिक चेतना का विकास को बढ़ाने पर बल दिया जाता था।



परंतु आज की शिक्षा व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य - अधिक से अधिक पैसे कमाना रह गया है। शायद यही वजह है कि
आज की शिक्षा, शिक्षा ना होकर व्यापार बन गई है।

               भारत में आज भी ऐसे बहुत से  ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां पर शिक्षा की कोई भी व्यवस्था नहीं है। तथा वहां आज भी
वो लोग सभी प्रकार की सरकारी लाभो व  योजनाओं से वंचित हैं। और जहां स्कूल तथा कॉलेज स्थापित हैं वहां फीस के
नाम पर मनचाही पैसे की वसूली की जाती है। आज के समय में शिक्षा का व्यापार इस कदर बढ़ता जा रहा है कि,
हर 10 किलोमीटर के अंदर नए स्कूलों का निर्माण कराया जा रहा है। जितना ज्यादा  स्टूडेंट्स उतना ही ज्यादा पैसा ?????
मैं नए स्कूलों के निर्माण कार्य का विरोधी नहीं हूं, किंतु मैं उन लोगो से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में
स्कूल तथा कालेजों का निर्माण करने की जगह शहरों में ही और कितना स्कूल खोलोगे ??? आजकल नेताओं व आला
अधिकारी द्वारा घूस के नाम पर मोटी रकम लेकर,शिक्षक की पद उन महान लोगों के हाथों में दे दिया जाता है, जिनका
उन विषयों पर जरा सा भी  कोई ज्ञान नहीं होता ??? ऐसे शिक्षकों के हाथों हमारे बच्चों का भविष्य बन रहा है अगर
भविष्य में एजुकेशन सिस्टम ऐसा ही रहा तो भारत में सिर्फ नौकर ही पैदा होंगे, मालिक नहीं???




       आज सुबह मैंने एक बच्चे से यूं ही एक सवाल पूछा-बेटा आपको अपने लास्ट ईयर के क्लास का कोई चैप्टर आपको
याद है क्या ? उसने कुछ देर सोचा फिर बोलो -लास्ट ईयर के क्लास का तो नहीं पर अभी की क्लास का कुछ चैप्टर सिर्फ
याद है।
उसकी यह बात सुनकर मैं यह सोचने लगा कि, आजकल की शिक्षा व्यवस्था और पहले की शिक्षा व्यवस्था में काफी ज्यादा
अंतर है। मुझे तो आज अपने बचपन में पढ़ी हुई , कवि मैथिलीशरण गुप्त जी की  एक कविता याद आ रही है, जिसे मैं सेकंड
क्लास में पढ़ा था।

              " नर हो ना निराश करो मन को,
               कुछ काम करो कुछ काम करो
               जग में रहकर कुछ नाम करो।
               यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो,
               समझो जिसमें यह व्यर्थ ना हो।
               कुछ तो उपयुक्त करो तन को,
               नर हो ना निराश करो मन को "
                                                 कवि-मैथिलीशरण गुप्त.




         आज शिक्षा के प्रति अभिभावकों की सोच पहले की शिक्षा प्रणाली की तरह ही है। अभिभावक बच्चों के अच्छे
भविष्य के लिए बेहतर से बेहतर स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार रहते है। यही वजह है कि आज
हर स्कूल के कुछ दूरी पर ही बहुत से कोचिंग सेंटर खुल गयी है। जरा आप ये सोचिये अगर टीचर्स क्लास में ही बच्चों के
सारे डॉट्स क्लियर कर देते तो आज कोई कोचिंग सेंटर की जरुरत महसूस नहीं होती??? आज के इस तरह की
एजुकेशन सिस्टम में बहुत से बदलाव करने की जरूरत है । सरकार को ऐसे नियम बनाने चाहिए, जिससे सभी बच्चों को
समान रूप से पूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके……


           सभी लोगो को सरकारी नौकरी चाहिए पर वे लोग अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना नहीं चाहते हैं। क्यू.?? जब उनसे यह सवाल पूछा गया तो,उनका जवाब कुछ इस तरह सामने आया-


1.-क्योंकि वहां अच्छे पढ़ाई की असुविधा ?
2.-डेस्ट- बेंच की अव्यवस्था ?
3.-सुलभ शौचालय की अव्यवस्था?
4.-साफ-सफाई टाइम पर नहीं होती है?
5.-अच्छे शिक्षकों की कमी ?
6.-पेयजल की अव्यवस्था ?
7.-शिक्षक क्लास से नदारद ?
8.-सरकारी स्कूलों का टाइम 2 टाइम मरम्मत ना करना?


         यह तो मैंने सिर्फ 8 ही कारण बताएं हैं,जबकि ऐसे बहुत से कारण हैं जिस वजह से सरकारी स्कूलों की स्थिति काफी
खराब है जिस वजह से कोई भी अपने  बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना नहीं चाहते । 


         सरकार को ऐसी नीति अपनानी चाहिए जिससे सरकारी स्कूलों का निर्माण व विकास कार्य अच्छी तरह हो सके ।
1 .- सरकारी नौकरी करने वालों के बच्चे सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही पढ़ाई करें। जिसके परिणाम स्वरूप पूरा सरकारी
एजुकेशन सिस्टम ही चेंज हो जाएगा। क्यों कि जब सरकारी नौकरी करने वालों के बच्चे जब सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो वो
लोग भी स्कूल संबंधी समस्त सरकारी कार्यों को पूरी इमानदारी पूर्वक करेंगे।और रही बात, सरकारी स्कूलों की समस्याओं
की तो उस समस्याओं का समाधान भी उन्हीं के द्वारा पूर्ण होगा।
2 .- सभी सरकारी कार्यलयो व सरकारी स्कूलों में सी.सी.टी.वी कैमरा लगवानी चाहिए। उसके लिए एक एप्लीकेशन अप्प्स होनी चाहिए जिसके माध्यम से आम जनता अपने स्मार्ट फ़ोन पे कभी भी यह  
 देख सकती है कि,उनके  बच्चों की पढ़ाई कैसे चल रही हो व उस टाइम उनके बच्चे क्या कर रहे है तथा सरकारी कार्यो में कैमरे लगने की वजह से आम जनता सभी उन्हें कभी भी देख सकते है यह सोचकर  वो लोग भी अपना कार्य पूरी ईमानदारी के साथ करेंगे। 
3.- एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए एक जांच समिति का गठन करना चाहिए जिससे शिक्षक का पद उन व्यक्ति को  मिलना चाहिए  जिसे उस विषय का पूर्ण ज्ञान हो। डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाला हमारे बच्चों को अगर संस्कृत विषय पढ़ाये तो बच्चों के भविष्य का क्या होगा ????
  











 
https://youtu.be/IJrjo4RKA4k



लेखक की कलम से,


                             मैंने अपने इस लेख में education system में बदलाव के लिए अपनी सोच को शब्दों के जरिए
आप तक पहुंचाने की एक कोशिश की है। अगर आप मेरी इस लेख से सहमत है तो इसे इतना शेयर कीजिए कि मेरी यह
बात सरकार तक पहुंच सके। इस विषय में अगर आपकी कोई राय हो तो आप मुझे कमेंट के जरिए मुझसे शेयर कर सकते हैं।
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         Thank you