बैंकों का मायाजाल नीति
दिया कितना और हमसे लिया कितना
आज हम इस लेख में बैंकों में हो रहे अनछुए मायाजाल की नीति की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने की एक पहल की है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारा पैसा बैंकों में रखने से सुरक्षित रहता है, तथा बैंकों में पैसे रखने से हमें बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। पर आज बैंकों द्वारा हमारे ही पैसों से बहुत बड़ा खेल खेला जा रहा है।हाल ही में आपको पता है यस बैंक डूबने की कगार में है । जनता का पैसा उन तक नहीं पहुंच पा रहा है। कुछ ना कुछ कारण बताकर हमारा पैसा दिन ब दिन account से कम होता जा रहा है।
इस लेख में हम इन्हीं सभी कारणों को जानने की कोशिश करेंगे। सबसे पहले हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि बैंक चलती कैसे है। जब कोई बैंक खुलती है तो उस बैंकों द्वारा लोगों से खाता खुलवाया जाता है।और उसके बदले बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी होती है।लोगो द्वारा बैंकों में पैसे को जमा कराने पर उन्हें 2% ब्याज के रूप में मिलेगा। सभी बैंकों की अपनी-अपनी फैसिलिटी होती है कोई कम ब्याज देता है तो कोई ज्यादा। बैंकों के खर्चे बहुत ज्यादा होते हैं जैसे-ATM मशीन , डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड पासबुक चेक बुक इत्यादि... जितना बड़ा बैंक उतना ही ज्यादा खर्चा। इन सब खर्च की पूर्ति बैंक कहां से करती है, इसके बारे में हम गहराई से जानने की कोशिश करेंगे।
बैंकों द्वारा खाताधारकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के फलस्वरूप उनसे कुछ चार्जेस वसूलते हैं।
1.A.T.M मेंटेनेंस चार्जेस।
2. S.m.s. चार्जेस।
3. एक बैंक के एटीएम द्वारा दूसरे एटीएम का यूज करने का चार्ज।
Etc......
बैंकों द्वारा व्यापारियों और लोगों को 12% से 14% ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। सभी बैंकों की अपनी अपनी पॉलिसी होती है, उसी के आधार पर उनको लोन दिया जाता है। यहां सोचने वाली बात है- अगर आप बैंक से लोन ले तो आपको ब्याज के रूप में 12 परसेंट से लेकर 14 परसेंट तक वापस करना पड़ेगा। इसके साथ ही कुछ Hidden शुल्क का भी भुगतान किया जाता है प्रोसेसिंग फीस के रूप में जो हर किसी को पता नहीं होता है।अब आप सोचिए बैंक हमें अपने ही जमा किये पैसे के लिए सिर्फ 2% ब्याज देती है। यह सभी बातें जानकर आप चौक गए होंगे। पर यह एक कड़वा सच है।
बैंकों में विभिन्न प्रकार खाता खोले जाते हैं-जिसमें एक खाता फिक्स डिपॉजिट (F.D) का होता है। इसमें जरा गोर कीजिएगा,इस खाते में हम लॉन्ग टर्म के लिए investment कर देते हैं। जिसका समय 5 साल 10 साल 15 साल और 20 सालों के लिए होता है। अगर इस अवधि के अंतराल यदि आप बैंक से उस पैसे को निकालने की कोशिश करेंगे तो आपको जितना ब्याज मिलना चाहिए उतना तो नहीं मिलेगा पर जितना ब्याज मिल रहा है उसमें से भी ये टैक्स वो टैक्स कट पिट कर जो बचेगा वही आपको मिलेगा। अब हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि हमारे F.D. का पैसा लॉन्ग टर्म के बाद ब्याज के रूप में हमें कैसे मिलता है। बैंकों द्वारा खाताधारकों की कुछ पैसे लोन के रूप में बाट देता है और बाकी के बचे कुछ पैसे शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म प्लान के रूप में investment कर देते हैं। क्यों कि बैंकों को पता है आप उनसे 5 से 10 साल तक वापस लेने नहीं आओगे। अगर भविष्य में ऐसा कभी हो भी तो किसी और के खाता धारकों के पैसे आपको दे देगा। शेयर बाजार में आपको भी पता होगा, मार्केट में किसका शेयर तेजी से बढ़ रहा है और किसका घट रहा है।जिस बैंक का शेयर बढ़ा उसका पैसा एक दिन में दो गुना 10 गुना।अगर किसी बैंक का शेयर गिरा उसकी लॉस।यस बैंक का ही उदाहरण ले लें। यस बैंक आज डूबने के कगार पे हैं, यस बैंक के खाताधारकों में हलचल का माहौल है। सभी इन्वेस्टरों का पैसा उस बैंक में फसा हुआ है।
लेखक की कलम से,
आज मैंने इस लेख के माध्यम से आपको बैंकों में हो रहे मायाजाल की अनोखे नीति से आपको अवगत कराया।अगर हम बैंकों से ऋण लेना चाहेंगे तो हमें आसानी से नहीं मिलेगा। पर विजय माल्या जैसे लोगो को चुटकियों में लोन मिल जाता है।और बैंक का सारा पैसा लेकर वो लोग चंपत हो जाते हैं। उसका भरपाई बैंक हम लोगो से करती है, नये नए चार्जेज के द्वारा।अगर आपको मेरा यह लेख पसंद आया हो तो प्लीज इसको शेयर कीजिए लाइक कीजिए और अगर आप इस ब्लॉग में नए हैं तो इसे सब्सक्राइब करना न भूलें। जिससे आपको मेरे नए लेख की notification आपको मिल सके। और साथ ही इस लेख के विषय में यदि आपकी कोई राय हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में अपना सुझाव दें।
Writer by....
-sumit Jain
Thank you.....
दिया कितना और हमसे लिया कितना
आज हम इस लेख में बैंकों में हो रहे अनछुए मायाजाल की नीति की ओर आपका ध्यान आकर्षित करने की एक पहल की है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारा पैसा बैंकों में रखने से सुरक्षित रहता है, तथा बैंकों में पैसे रखने से हमें बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। पर आज बैंकों द्वारा हमारे ही पैसों से बहुत बड़ा खेल खेला जा रहा है।हाल ही में आपको पता है यस बैंक डूबने की कगार में है । जनता का पैसा उन तक नहीं पहुंच पा रहा है। कुछ ना कुछ कारण बताकर हमारा पैसा दिन ब दिन account से कम होता जा रहा है।
इस लेख में हम इन्हीं सभी कारणों को जानने की कोशिश करेंगे। सबसे पहले हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि बैंक चलती कैसे है। जब कोई बैंक खुलती है तो उस बैंकों द्वारा लोगों से खाता खुलवाया जाता है।और उसके बदले बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी होती है।लोगो द्वारा बैंकों में पैसे को जमा कराने पर उन्हें 2% ब्याज के रूप में मिलेगा। सभी बैंकों की अपनी-अपनी फैसिलिटी होती है कोई कम ब्याज देता है तो कोई ज्यादा। बैंकों के खर्चे बहुत ज्यादा होते हैं जैसे-ATM मशीन , डेबिट कार्ड क्रेडिट कार्ड पासबुक चेक बुक इत्यादि... जितना बड़ा बैंक उतना ही ज्यादा खर्चा। इन सब खर्च की पूर्ति बैंक कहां से करती है, इसके बारे में हम गहराई से जानने की कोशिश करेंगे।
बैंकों द्वारा खाताधारकों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के फलस्वरूप उनसे कुछ चार्जेस वसूलते हैं।
1.A.T.M मेंटेनेंस चार्जेस।
2. S.m.s. चार्जेस।
3. एक बैंक के एटीएम द्वारा दूसरे एटीएम का यूज करने का चार्ज।
Etc......
बैंकों द्वारा व्यापारियों और लोगों को 12% से 14% ब्याज दर पर लोन दिया जाता है। सभी बैंकों की अपनी अपनी पॉलिसी होती है, उसी के आधार पर उनको लोन दिया जाता है। यहां सोचने वाली बात है- अगर आप बैंक से लोन ले तो आपको ब्याज के रूप में 12 परसेंट से लेकर 14 परसेंट तक वापस करना पड़ेगा। इसके साथ ही कुछ Hidden शुल्क का भी भुगतान किया जाता है प्रोसेसिंग फीस के रूप में जो हर किसी को पता नहीं होता है।अब आप सोचिए बैंक हमें अपने ही जमा किये पैसे के लिए सिर्फ 2% ब्याज देती है। यह सभी बातें जानकर आप चौक गए होंगे। पर यह एक कड़वा सच है।
बैंकों में विभिन्न प्रकार खाता खोले जाते हैं-जिसमें एक खाता फिक्स डिपॉजिट (F.D) का होता है। इसमें जरा गोर कीजिएगा,इस खाते में हम लॉन्ग टर्म के लिए investment कर देते हैं। जिसका समय 5 साल 10 साल 15 साल और 20 सालों के लिए होता है। अगर इस अवधि के अंतराल यदि आप बैंक से उस पैसे को निकालने की कोशिश करेंगे तो आपको जितना ब्याज मिलना चाहिए उतना तो नहीं मिलेगा पर जितना ब्याज मिल रहा है उसमें से भी ये टैक्स वो टैक्स कट पिट कर जो बचेगा वही आपको मिलेगा। अब हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि हमारे F.D. का पैसा लॉन्ग टर्म के बाद ब्याज के रूप में हमें कैसे मिलता है। बैंकों द्वारा खाताधारकों की कुछ पैसे लोन के रूप में बाट देता है और बाकी के बचे कुछ पैसे शेयर बाजार में लॉन्ग टर्म प्लान के रूप में investment कर देते हैं। क्यों कि बैंकों को पता है आप उनसे 5 से 10 साल तक वापस लेने नहीं आओगे। अगर भविष्य में ऐसा कभी हो भी तो किसी और के खाता धारकों के पैसे आपको दे देगा। शेयर बाजार में आपको भी पता होगा, मार्केट में किसका शेयर तेजी से बढ़ रहा है और किसका घट रहा है।जिस बैंक का शेयर बढ़ा उसका पैसा एक दिन में दो गुना 10 गुना।अगर किसी बैंक का शेयर गिरा उसकी लॉस।यस बैंक का ही उदाहरण ले लें। यस बैंक आज डूबने के कगार पे हैं, यस बैंक के खाताधारकों में हलचल का माहौल है। सभी इन्वेस्टरों का पैसा उस बैंक में फसा हुआ है।
लेखक की कलम से,
आज मैंने इस लेख के माध्यम से आपको बैंकों में हो रहे मायाजाल की अनोखे नीति से आपको अवगत कराया।अगर हम बैंकों से ऋण लेना चाहेंगे तो हमें आसानी से नहीं मिलेगा। पर विजय माल्या जैसे लोगो को चुटकियों में लोन मिल जाता है।और बैंक का सारा पैसा लेकर वो लोग चंपत हो जाते हैं। उसका भरपाई बैंक हम लोगो से करती है, नये नए चार्जेज के द्वारा।अगर आपको मेरा यह लेख पसंद आया हो तो प्लीज इसको शेयर कीजिए लाइक कीजिए और अगर आप इस ब्लॉग में नए हैं तो इसे सब्सक्राइब करना न भूलें। जिससे आपको मेरे नए लेख की notification आपको मिल सके। और साथ ही इस लेख के विषय में यदि आपकी कोई राय हो तो प्लीज कमेंट बॉक्स में अपना सुझाव दें।
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-sumit Jain
Thank you.....





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