Thursday, February 6, 2020

Gas subsidy ka paisa aa Ni Raha

                                                       Gas subsidy ka paisa aa Ni  Raha

                              हेलो फ्रेंड्स जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मैं अपने लेख में ऐसे विषयों को शामिल करता हूं जो समाज से अछूता रहा है जिसमें मैं अपने विचारों के आधार पर उस विषय की गहराई को छूने का प्रयास करता हूं अगर आपको मेरे लेख अच्छी लगती है तो कमेंट में अपने विचारों को बताइए अगर आप इस ब्लॉग में नए हैं तो प्लीज सब्सक्राइब करें,इससे मुझे अगले लेख के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
                           विजय आज सुबह से बहुत परेशान था विजय की इस तरह खामोशी को देखकर उसके दोस्त ने उससे पूछा-और भाई आजकल क्या चल रहा है लगता है किसी गंभीर विचारों में खोए हुए हो। विजय ने उसे एक टक देखा फिर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बोला-कुछ खास नहीं भाई बस कुछ विषयों पर सोच रहा हूं कि आजकल तो महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और जो वेतन टाइम पर आता है वह भी महीने के लास्ट होने से पहले ही खत्म हो जा रहा है, सेविंग कुछ बच नहीं  रही है, ऐसा ही आगे भी रहा तो क्या होगा मेरा ???
एक तो गैस सिलेंडर की कीमतें भी आसमान छूती नजर आ रही है और तो और गैस सब्सिडी का पैसा भी
अकाउंट पर आते नहीं हैं। विजय ने लंबी सांसे ली और फिर आगे बोलना स्टार्ट किया-पहले जो गैस हमें 424 रुपए में मिलता था आज उसी एक गैस सिलेंडर के लिए हमें 850 रूपए देने पड़ रहे हैं।
                  विजय की यह सारी बातें सुनकर वह बोला-भाई यह बात तो सही बोल रहे हैं आप, शुरुआत में तो गैस सब्सिडी का पैसा तो हमें टाइम पर ही हमारे खाते में आ जाता था,पर आजकल तो काफी महीने बीत गए,मेरे भी अकाउंट पे सब्सिडी का पैसा नहीं आ रहा है। अगर हमारे अकाउंट पर सब्सिडी का पैसा नहीं आ रहा तो आखिर पैसे जा कहां रहे हैं ???यह सभी भ्रष्ट नेताओं और गैस कंपनियों का ही मायाजाल है जिसके कारण हम जैसे आम जनता जनों का शोषण हो रहा है।
इतना कहकर वह वहां से चला गया,पर विजय इस बात को बड़े बारीकी के साथ इस विषय में सोचता रहा और
वह ठान लिया कि इसके बारे में वह कुछ ना कुछ निचोड़ निकाल के ही रहेगा,विजय के मन में दिनभर यही ख्याल आता रहा कि सरकार द्वारा दिया जाने वाला सब्सिडी का पैसा आम जनता के कल्याण के लिए होता है पर जब सब्सिडी का पैसा आम जनता जनों तक पहुंचता ही नहीं है तो जाती कहां है? इस सभी विचार उसके मन की चारों ओर घूम रहे थे…... और वह उस रात अच्छे से सो भी ना सका।
                     अगले दिन सुबह वह गैस डिस्ट्रीब्यूटर के पास गया और अपनी समस्या उनके सामने रखते हुए बोला-सर मुझे एक बात बताइए जब कुछ साल पहले जब एक गैस सिलेंडर के लिए हमें 424 रूपए देने पड़ रहे थे और अभी वही सिलेंडर के लिए हमें 850 रूपए  देने पड़ रहे हैं,सरकार द्वारा बोला गया था कि सब्सिडी का पैसा सीधे आपके बैंक अकाउंट पर आएगा.विजय की यह बात सुनकर गैस डिस्ट्रीब्यूटर गुस्से में आकर, विजय की बात को बीच में ही काटते हुए बोला-यह तुम क्या बकवास कर रहे हो 5 साल पहले महंगाई कम थी और अभी महंगाई बढ़ गई है तो गैस सिलेंडर की कीमतों में भी वृद्धि होगी ही ना। और रही बात सब्सिडी की,तो सब्सिडी का पैसा आ रहे हैं अकाउंट में, यह देखिए-अपने बैंक statement की डिटेल को दिखाते हुए बोले। उनकी इस बात को सुनकर विजय ने बोला-सर महंगाई सच में बढ़ी है या बढ़ाई गई है?? फिर विजय ने उनके बैंक डिटेल को बड़े ध्यान से देखा फिर हल्की सी मुस्कुराहट के साथ उनसे बोला-सर आपका कहना सही है आपके अकाउंट में गैस सब्सिडी का पैसा तो आ रहे है पर जितना अमाउंट आना चाहिए उतना नहीं आ रहे है। यह तुम क्या बोल रहे हो मुझे दिखाओ जरा, गैस डिस्ट्रीब्यूटर ने फिर अपने बैंक स्टेटमेंट को अच्छी तरह देखा उसके एकाउंट में सब्सिडी का पैसा =208 रूपए  show कर रहा था।
                       फिर विजय उनको पूरी बात समझाते हुए बोला-सर जब हम पहले एक गैस सिलेंडर के लिए 424 रूपए  देते थे और हमें एक गैस सिलेंडर मिल जाता था और अभी वही एक सिलेंडर के लिए हमें 850 रूपए  देना पड़ता है और आपके अकाउंट में सब्सिडी का पैसा सिर्फ 208 रूपए  आता है तो बाकी बचा 218 रूपए  गए कहां????

पहले-424रूपए
अभी -850 रूपए
सब्सिडी का पैसा -426 रूपए
अकाउंट में आता कितना है-208रूपए
बाकी बचा पैसा -218 रूपए  गए कहां???
यह बात सुनकर गैस डिस्ट्रीब्यूटर के पैरों तले जमीन खिसक गई, फिर वो लोग मिलकर मामले की शिकायत कलेक्टर महोदय से किए। यह पूरी घटना धीरे - धीरे सभी ओर आग की तरह फैल गई जिसके कारण पूरा प्रशासन सकते में आ गया। इस मामले में कलेक्टर महोदय ने साफ लफ्जो में यह बोल दिया कि ये मामला बहुत ही गंभीर है और मुझे 1 हफ्ते में इसका रिजल्ट चाहिए,और साथ ही साथ इस मामले में जो भी जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्यवाही की जावेगी।
                           1 हफ्ते की कड़ी मेहनत के पश्चात हमारे पुलिस प्रशासन की मेहनत रंग लाई, उन्होंने गैस डिस्ट्रीब्यूटर के मैनेजर को पकड़ा जिसका इस मामले में बहुत ही बड़ा योगदान था। एसपी सर को इंक्वायरी में ऐसी बहुत सी बातें पता चली जो उन्हे हिला कर रख दिया,
कुछ देर के बाद मीडिया वहां पहुंच गई! पर एसपी सर ने मीडिया के सामने मामले कि पूरी बात बता न सके,क्युकी उनको इस मामले को दबाने का ऑर्डर्स उपर से आ गया। फिर एसपी सर ने इस मामले की डिटेल मीडिया को बताते हुए कहा-गैस सब्सिडी स्कैम के पीछे गैस डिस्ट्रीब्यूटर के मैनेजर का हाथ था, जो 3 महीना पहले ही यहां जॉइनिंग हुआ था, इसके पास हमें घर से कैश 90 लाख नगद, 50 लाख के गहने, 25 लाख तक की 2 गाड़ियां, पांच मोटरसाइकिल,बैंक में 30 लाख डिपॉजिट,1 फ्लैट जिसकी मार्केट प्राइस 50 लाख। फिर एक पत्रकार ने सवाल किया-सर इसने ऐसा क्या किया की इतना कम समय में ही इतना ज्यादा पैसा बना लिया?? यह बात कुछ समझ में आ नहीं रही है तो कृपया करके पूरी घटनाक्रम की जानकारी देवे.। एसपी सर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए आगे बोले -यह जो अपराधी है वह गैस सब्सिडी का जो फॉर्म आप लोग भरते हैं उस फॉर्म में कस्टमर के बैंक डिटेल की जगह में खुद की बैंक डिटेल भर देता था, जिससे कि कस्टमर के सब्सिडी का पूरा पैसा उसके अकाउंट में चला जाता था,इस मामले में बैंक के मैनेजर को भी अरेस्ट किया गया है जो कि इस मामले का मुख्य आरोपी है।
                        यह सभी बातों को सुनकर वहां मौजूद सभी लोग आश्चर्य में पड़ गए और सभी तरह तरह की बातें करते हुए वहां से चले गए। परंतु एसपी सर के मन में बहुत से ऐसे सवाल उठ रहे थे जिनका जवाब उनके पास नहीं था, और वे मन ही मन ये सोचने लगे कि गैस डिस्ट्रीब्यूटर के मैनेजर जिसे इस पूरे मामले का मुखय अपराधी समझा जा रहा है ।।।।। ये तो सिर्फ एक मोहरा है, इसके पीछे तो कई नामचीन लोगों का हाथ था जो अभी भी पर्दे के पीछे हैं। एसपी सर को पूछताछ में उस अपराधी की सारी डिटेल मिली, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई करना उन्होंने स्टार्ट किया। काफी जांच पड़ताल के बाद उन्हें यह बात मालूम पड़ी की-उसके बैंक का ट्रांजैक्शन {पर  मंथ} सिर्फ 28 रूपए  ही उसके खाते में आती थी, यह बात सुनने में आपको सिर्फ 28 रूपए  बहुत कम अमाउंट लगता है परन्तु इसे  कैलकुलेट करने पर देखिए कितना होता है……………..

                                    India ki population लगभग=135 करोड़.

                                                              सिर्फ  रूपए 28*135 करोड़=????????????

इतना ज्यादा अमाउंट की हम भारत को एक विकसित देश बना सकते है ????? But यहां के भ्रष्ट नेताओं की ही
यह देन है, जिस कारण भारत कभी आगे बढ़ नहीं पा रहा है। और अब हम बाकी के बचे 190 रूपए  कहा जाते है, इसे जरा समझ लेते है।  फिर एसपी सर ने इंक्वायरी को आगे बढ़ाया तो उनको चौका देने वाली बातें सामने आई-गैस कंपनियां और भ्रष्ट नेताओं की आपसी मिलीभगत के कारण सब्सिडी का पूरा पैसा आम जनता तक पहुंच ही नहीं पाती है, पैसे तो आती है पर सिर्फ नाममात्र का,जो पैसा नाममात्र आता भी है तो उस गैस के मैनेजर जैसे लोग उस पैसे को अपनी जेब में भर लिया करते हैं। इस मामले की पूरी inquiry के पश्चात एसपी सर को यह बात पता चला कि-जो बाकी के बचे 190 रूपए  कस्टमर के अकाउंट में सब्सिडी के तौर पर कभी आते ही नहीं थे???
                 यह सभी सब्सिडी की बातें नेताओं व गैस कंपनियों के द्वारा जनता के Mind में मीडिया के माध्यम से विश्वास दिलाते हुए ये बात बैठा दी जाती है कि हम आपका एक भी पैसा नहीं ले रहे हैं बल्कि हम आपका पूरा पैसा सब्सिडी के रूप में आपके अकाउंट तक पहुंचाने का विश्वास दिलाते हैं। यहां की जनता बहुत ही भोली है जो आंख बंद करके उन पर विश्वास कर लेती है। और जब एसपी सर ने इस मामले से पर्दा उठाने की कोशिश करते हैं तो उनके पास मामले को दबाने हेतु ऊपर से धमकी भरे ऑर्डर्स आने लगते हैं,-तुम अपना कीमत बोलो 1 घंटे में तुम्हारे पास पैसे पहुंच जायेंगे ,अगर एसपी सर इस काम को करने में मना करेंगे तब उनकी फैमिली को जान से मारने का धमकी आने लगेगी…….E.T.C.

लेखक की कलम से………..


         मैंने अपने पुराने एक लेख में एक बात का जिक्र किया था, भारत गरीब देश नहीं है, बस यहां की कुछ भ्रष्ट
नेता और बड़ी कंपनियों के द्वारा यहां की आम जनता का शोषण होता आ रहा है……..जो लोग यहां ईमानदारी पूर्वक काम करते हैं उनको गलत काम करने के लिए पहले तो उन्हें पैसों का लालच दिया करते हैं अगर वे लोग नहीं मानते हैं तो उनके घर वालों को जान से मारने तक की धमकी दी जाती हैं। कोई भी इंसान अपने घर वालों का बुरा हाल, सपने में भी नही सोच सकता,इसी का वो लोग फायदा उठाते हैं। इस लेख में भी एसपी सर के चुप्पी साधने की प्रमुख वजह वही थी। अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा-अगर आपको मेरी लेख अच्छी लगती है तो मेरे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें, जिससे आपको मेरे न्यू आर्टिकल के आने पर आपको नोटिफिकेशन मिल जाएगा।
                                                                                                                                                                                                                                                                                                             Thank..u...

No comments:

Post a Comment

please do not enter any spam link in the comment box